समास‘संक्षिप्तिकरण’ को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है। दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द कोसमासकहते हैं। उदाहरण ‘दया का सागर’ का सामासिक शब्द बनता है ‘दयासागर’।
समास हिंदी में (Types of Samas in Hindi Grammar)
समास में विषय :
समास क्या है? (Samas kya hey)
समास के प्रश्न (Samas key prashn)
समास परिभाषा व भेद (Samas Paribhasha va Bhed)
बहुव्रीहि समास के उदाहरण (Bahuvir Samas key Udaharan)
समास के भेद का चार्ट (Samas key Bhed ka Chart)
कर्मधारय समास (Karmadhaaray Samaas)
समास के प्रकार और उदाहरण (Samaas Ke Prakaar aur Udaaharan)
इस उदाहरण में ‘दया’ और ‘सागर’ इन दो शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले ‘का’ प्रत्यय का लोप होकर एक स्वतन्त्र शब्द बना ‘दयासागर’। समासों के परम्परागत छ: भेद हैं-
जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही प्रधान हों अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो द्वन्द्व समास कहलाता है;
जैसे
माता-पिता = माता और पिता
राम-कृष्ण = राम और कृष्ण
भाई-बहन = भाई और बहन
पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
सुख-दुःख = सुख और दुःख
2. द्विगु समास
जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है।
जैसे-
नवरत्न = नौ रत्नों का समूह
सप्तदीप = सात दीपों का समूह
त्रिभुवन = तीन भुवनों का समूह
सतमंजिल = सात मंजिलों का समूह
3. तत्पुरुष समास
जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। दोनों पदों के बीच परसर्ग का लोप रहता है। परसर्ग लोप के आधार पर तत्पुरुष समास के छ: भेद हैं
(i) कर्म तत्पुरुष (‘को’ का लोप) जैसे-
मतदाता = मत को देने वाला
गिरहकट = गिरह को काटने वाला
(ii) करण तत्पुरुष जहाँ करण-कारक चिह्न का लोप हो; जैसे-
जन्मजात = जन्म से उत्पन्न
मुँहमाँगा = मुँह से माँगा
गुणहीन = गुणों से हीन
(iii) सम्प्रदान तत्पुरुष जहाँ सम्प्रदान कारक चिह्न का लोप हो; जैसे-
हथकड़ी = हाथ के लिए कड़ी
सत्याग्रह = सत्य के लिए आग्रह
युद्धभूमि = युद्ध के लिए भूमि
(iv) अपादान तत्पुरुष जहाँ अपादान कारक चिह्न का लोप हो; जैसे-
धनहीन = धन से हीन
भयभीत = भय से भीत
जन्मान्ध = जन्म से अन्धा
(v) सम्बन्ध तत्पुरुष जहाँ सम्बन्ध कारक चिह्न का लोप हो; जैसे
प्रेमसागर = प्रेम का सागर
दिनचर्या = दिन की चर्या
भारतरत्न = भारत का रत्न
(vi) अधिकरण तत्पुरुष जहाँ अधिकरण कारक चिह्न का लोप हो; जैसे-
नीतिनिपुण = नीति में निपुण
आत्मविश्वास = आत्मा पर विश्वास
घुड़सवार = घोड़े पर सवार
4. कर्मधारय समास
जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है। इसमें भी उत्तरपद प्रधान होता है; जैसे
कालीमिर्च = काली है जो मिर्च
नीलकमल = नीला है जो कमल
पीताम्बर = पीत (पीला) है जो अम्बर
चन्द्रमुखी = चन्द्र के समान मुख वाली
सद्गुण = सद् हैं जो गुण
5. अव्ययीभाव समास
जिस समास में पूर्वपद अव्यय हो, अव्ययीभाव समास कहलाता है। यह वाक्य में क्रिया-विशेषण का कार्य करता है; जैसे-
यथास्थान = स्थान के अनुसार
आजीवन = जीवन-भर
प्रतिदिन = प्रत्येक दिन
यथासमय = समय के अनुसार
6. बहुव्रीहि समास
जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है; जैसे
महात्मा = महान् आत्मा है जिसकी अर्थात् ऊँची आत्मा वाला।
नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी।
लम्बोदर = लम्बा उदर है जिनका अर्थात् गणेशजी।
गिरिधर = गिरि को धारण करने वाले अर्थात् श्रीकृष्ण।
मक्खीचूस = बहुत कंजूस व्यक्ति
1. किस समास में शब्दों के मध्य में संयोजक शब्द का लोप होता है?
2. पूर्वपद संख्यावाची शब्द है (a) अव्ययीभाव (b) द्वन्द्व (c) कर्मधारय (d) द्विगु उत्तर : (d) द्विगु
3. ‘जन्मान्ध’ शब्द है (a) कर्मधारय (b) तत्पुरुष (c) बहुव्रीहि (d) द्विगु उत्तर : (b) तत्पुरुष
4. ‘यथास्थान’ सामासिक शब्द का विग्रह होगा (a) यथा और स्थान (b) स्थान के अनुसार (c) यथा का स्थान (d) स्थान का यथा उत्तर : (b) स्थान के अनुसार
5. जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, उसे कहते हैं- (a) अव्ययीभाव (b) द्विगु (c) तत्पुरुष (d) बहुव्रीहि उत्तर : (d) बहुव्रीहि
6. ‘सप्तदीप’ सामासिक पद का विग्रह होगा (a) सप्त द्वीपों का स्थान (b) सात दीपों का समूह (c) सप्त दीप (d) सात दीप उत्तर : (b) सात दीपों का समूह
7. ‘मतदाता’ सामासिक शब्द का विग्रह होगा (a) मत को देने वाला (b) मत का दाता (c) मत के लिए दाता (d) मत और दाता उत्तर : (a) मत को देने वाला
8. ‘आत्मविश्वास’ में समास है- (a) कर्मधारय (b) बहुव्रीहि (c) तत्पुरुष (d) अव्ययीभाव उत्तर : (c) तत्पुरुष
9. ‘नीलकमल’ का विग्रह होगा (a) नीला है जो कमल (b) नील है कमल (c) नीला कमल (d) नील कमल उत्तर : (a) नीला है जो कमल
10. ‘लम्बोदर’ का विग्रह पद होगा (a) लम्बा उदर है जिसका अर्थात् गणेशजी (b) लम्बा ही है उदर जिसका (c) लम्बे उदर वाले गणेश जी (d) लम्बे पेट वाला उत्तर : (a) लम्बा उदर है जिसका अर्थात् गणेशजी
• भाषा की बात 6. ‘हरे-हरे‘, ‘पुष्प-पुष्प‘ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात‘ वाक्यांश में ‘हरे-हरे‘ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात‘ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एकवचन में हो और कर्म, या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे – वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है – ”तीन बेर खाती थी , वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी ,वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर‘ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे – मन का/मनका। ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए – बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों- रात, घड़ी-घड़ी। उत्तर:-बातों-बातों में – बातों-बातों में कब घर आ गया, पता ही नहीं चला। रह-रहकर – कल रात से रह-रहकर बारिश हो रही है। लाल-लाल – लाल-लाल आँखों से पिताजी अमर को घूर रहें थे। सुबह-सुबह – दादी जी सुबह-सुबह ही पूजा करने मंदिर निकल जाती हैं। रातों-रात – ईश्वर की कृपा से रामन रातों-रात अमीर हो गया। घड़ी-घड़ी – घड़ी-घड़ी शिक्षक उसे पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए टोकते रहते थे।
• भाषा की बात 7. ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूडि़यों से‘ और बदलू स्वयं कहता है –” जो सुंदरता काँच की चूडि़यों में होती है लाख में कहाँ संभव है? ”ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए। उत्तर:-व्यंग्य वाक्य – ‘अब पहले जैसी औलाद कहाँ?’ व्याख्या – आजकल किसी भी बुजुर्ग के मुख से आमतौर पर यह सुनने मिलता है जिसमें उनके हृदय में छिपा दुःख और व्यंग्य देखने मिलता है। उनका मानना है कि आजकल की संतान बुजुर्गों को अधिक सम्मान नहीं देती।
8. ‘बदलू‘ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है – (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे – लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि (ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए। उत्तर:-(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा – बदलू, बेलन, मचिया (ख) जातिवाचक संज्ञा – आदमी, मकान, शहर (ग) भाववाचक संज्ञा – स्वभाव, रूचि, व्यथा
9. गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं। उत्तर:-इंसान – मनुष्य रंज – दुख गम – मायूसी ज़िंदगी – जीवन औलाद – संतान
• भाषा की बात 8. बस, वश, बस तीन शब्द हैं – इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे – बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो। उपर्युक्त वाक्यों के समान वश और बस शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए। उत्तर:-
बस ( सवारी के अर्थ में )- 1 .तुम्हारी देरी के कारण मेरी बस निकल गई ।
2 .जब तक बस नहीं आती , यही खड़े रहो ।
वश( अधीनता के अर्थ में) – 1 .आज-कल के बच्चों को समझाना सबके वश की बात नहीं। 2 . भगवान की करनी मनुष्य के वश में नहीं। बस ( सिर्फ / मात्र के अर्थ में ) – 1 .बस करो ,कितना खाओगे? 2 . बस करो, इतना काफी है।
9. “हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।” ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि‘ का प्रयोग होता है। कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए। उत्तर:-कारक शब्द से निर्मित वाक्य – 1. यह समझ में नहीं आता कि सीट पर हम बैठे हैं या सीट हम पर बैठी है। 2. नई नवेली बसों से ज़्यादा विश्वसनीय है। 3. यह बस पूजा के योग्य थी। 4. बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस में जा रहे थे।
10. “हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।” दिए गए वाक्यों में आई ‘सरकना‘ और ‘रेंगना‘ जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैसे – घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए। उत्तर:-टहलना – दादाजी को टहलना अच्छा लगता है। चलना – चलना सेहत के लिए बहुत लाभदायक है।
11. “काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था।” इस वाक्य में ‘बच‘ शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक ‘शेष‘ के अर्थ में और दूसरा ‘सुरक्षा‘ के अर्थ में। नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए। ध्यान रहे, एक ही शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए और शब्दों के अर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए। (क) जल (ख) हार उत्तर:-(क) जल – मीना गरम जल से बुरी तरह जल गई। (ख) हार – यह प्रतियोगिता के इस पड़ाव में जिसकी जीत होगी ,उसे मोतियों का हार मिलेगा और जिसकी हार होगी, वह प्रतियोगिता के बाहर हो जाएगा।
12. बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द ‘फर्स्ट क्लास‘ में दो शब्द हैं – फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। ‘महान आदमी‘ में किसी आदमी की विशेषता है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के दो-दो उदाहरण खोजकर लिखिए। उत्तर:-संख्यावाचक विशेषण – चार, आठ, दस गुणवाचक विशेषण – चाँदनी रात, समझदार आदमी
• भाषा की बात 4. संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर‘ ‘जी भरकर‘ और ‘खुलकर‘ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करने वाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे – हँसकर, गाकर। उत्तर:-1. खींचकर 2. पीकर 3. मुस्कराकर 4. देकर 5. मस्त होकर 6. सराबोर होकर
• भाषा की बात 9. किसी प्रयोजन विशेष से संबंधित शब्दों के साथ पत्र शब्द जोड़ने से कुछ नए शब्द बनते हैं, जैसे – प्रशस्ति पत्र, समाचार पत्र। आप भी पत्र के योग से बननेवाले दस शब्द लिखिए। उत्तर:-1. प्रार्थना पत्र 2. मासिक पत्र 3. बधाई पत्र 4. वार्षिक पत्र 5. दैनिक पत्र 6. साप्ताहिक पत्र 7. पाक्षिक पत्र 8. सरकारी पत्र 9. साहित्यिक पत्र 10. निमंत्रण पत्र
10. ‘व्यापारिक‘ शब्द व्यापार के साथ ‘इक‘ प्रत्यय के योग से बना है। इक प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्दों को अपनी पाठ्यपुस्तक से खोजकर लिखिए। उत्तर:-इक प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्द – 1. स्वाभाविक 2. साहित्यिक 3. व्यवसायिक 4. दैनिक 5. प्राकृतिक 6. जैविक 7. प्रारंभिक 8. पौराणिक 9. ऐतिहासिक 10.सांस्कृतिक
11. दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं;जैसे – रवीन्द्र = रवि + इन्द्र। इस संधि में इ + इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं – दीर्घ, गुण, वृद्धि और यण। ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमशः दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं;जैसे – संग्रह + आलय = संग्रहालय, महा + आत्मा = महात्मा। इस प्रकार के कम-से-कम दस उदाहरण खोजकर लिखिए और अपनी शिक्षिका/शिक्षक को दिखाइए। उत्तर:-1. गुरूपदेश = गुरू + उपदेश (उ + उ) 2. संग्रहालय = संग्रह + आलय (अ + आ) 3. हिमालय = हिम + आलय (अ + आ) 4. भोजनालय = भोजन + आलय (अ + आ) 5. स्वेच्छा= सु + इच्छा( उ + इ) 6. अनुमति = अनु + मति (उ + अ) 7. रवीन्द्र = रवि + इंद्र (इ + इ) 8. विद्यालय = विद्या + आलय (आ + आ) 9. सूर्य + उदय = सूर्योदय (अ + उ) 10. सदा + एव = सदैव (आ + ए)
भाषा की बात
8. दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है – द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे – चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात। ‘और‘ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और‘ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए। उत्तर:-
सुख और दुख
सुख-दुख
भूख और प्यास
भूख-प्यास
हँसना और रोना
हँसना-रोना
आते और जाते
आते-जाते
राजा और रानी
राजा-रानी
चाचा और चाची
चाचा-चाची
सच्चा और झूठा
सच्चा-झूठा
पाना और खोना
पाना-खोना
पाप और पुण्य
पाप-पुण्य
स्त्री और पुरूष
स्त्री-पुरूष
राम और सीता
राम-सीता
आना और जाना
आना-जाना
9. पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए। उत्तर:- व्यक्तिवाचक संज्ञा :गाँधी ,तिलक , भारत , मदन मोहन मालवीय
• भाषा की बात 9. बोलचाल की क्षेत्रीय विशेषताओं के कारण शब्दों के उच्चारण में परिवर्तन होता है जैसे वाणी शब्द बानी बन जाता है। मन से मनवा, मनुवा आदि हो जाता है। उच्चारण के परिवर्तन से वर्तनी भी बदल जाती है। नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं उनका वह रूप लिखिए जिससे आपका परिचय हो। ग्यान, जीभि, पाऊँ, तलि, आंखि, बरी। उत्तर:-ग्यान – ज्ञान जीभि – जीभ पाऊँ – पाँव तलि – तले आँखि – आँख बरी – बड़ी
· भाषा की बात 10. “धुली-बेधुली बालटी लेकर आठ हाथ चार थनों पर पिल पड़े।” धुली शब्द से पहले ‘बे‘ लगाकर बेधुली बना है। जिसका अर्थ है ‘बिना धुली‘ ‘बे‘ एक उपसर्ग है। ‘बे‘ उपसर्ग से बननेवाले कुछ और शब्द हैं – बेतुका, बेईमान, बेघर, बेचैन, बेहोश आदि। आप भी नीचे लिखे उपसर्गों से बननेवाले शब्द खोजिए – 1. प्र ….. 2. आ ….. 3. भर ….. 4. बद ….. उत्तर:-1. प्र – प्रबल, प्रभाव, प्रयोग, प्रचलन, प्रवचन 2. आ – आमरण, आभार, आजन्म, आगत 3. भर – भरपेट, भरपूर, भरमार, भरसक 4. बद – बदसूरत, बदमिज़ाज, बदनाम, बदतर
• भाषा की बात 7. सवाक् शब्द वाक् के पहले ‘स‘ लगाने से बना है। स उपसर्ग से कई शब्द बनते हैं। निम्नलिखित शब्दों के साथ ‘स‘ का उपसर्ग की भाँति प्रयोग करके शब्द बनाएँ और शब्दार्थ में होनेवाले परिवर्तन को बताएँ। हित, परिवार, विनय, चित्र, बल, सम्मान। उत्तर:- उपसर्ग
उपसर्ग
मूल शब्द
अर्थ
उपसर्ग युक्त शब्द
उपसर्ग युक्त शब्दों के अर्थ
स
हित
भलाई
सहित
के साथ
स
परिवार
घर के लोगों का समूह
सपरिवार
परिवार के साथ
स
विनय
प्रार्थना
सविनय
विनयपूर्वक
स
चित्र
तस्वीर
सचित्र
चित्र सहित
8. उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्दांश होते हैं। वाक्य में इनका अकेला प्रयोग नहीं होता। इन दोनों में अंतर केवल इतना होता है कि उपसर्ग किसी भी शब्द में पहले लगता है और प्रत्यय बाद में। हिंदी के सामान्य उपसर्ग इस प्रकार हैं – अ/अन, नि, दु, क/कु, स/सु, अध, बिन, औ आदि। पाठ में आए उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दों के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं
मूल शब्द
उपसर्ग
प्रत्यय
शब्द
वाक्
स
–
सवाक्
लोचना
सु
–
सुलोचना
फिल्म
–
कार
फिल्मकार
कामयाब
–
ई
कामयाबी
इस प्रकार के 15-15 उदाहरण खोजकर लिखिए और अपने सहपाठियों को दिखाइए। उत्तर:-
मूल शब्द
उपसर्ग
नया शब्द
पुत्र
सु
सुपुत्र
घट
औ
औघट
सार
अनु
अनुसार
मुख
आ
आमुख
परिवार
स
सपरिवार
नायक
अधि
अधिनायक
मरण
आ
आमरण
संहार
उप
उपसंहार
ज्ञान
अ
अज्ञान
यश
सु
सुयश
कोण
सम
समकोण
कर्म
सत्
सत्कर्म
राग
अनु
अनुराग
बंध
नि
निबंध
पका
अध
अधपका
मूल शब्द
प्रत्यय
नया शब्द
चाचा
ऐरा
चचेरा
लेख
क
लेखक
काला
इमा
कालिमा
लड़
आई
लड़ाई
सज
आवट
सजावट
अंश
त:
अंशत:
सुनार
इन
सुनारिन
जल
ज
जलज
पर
जीवी
परजीवी
खुद
आई
खुदाई
ध्यान
पूर्वक
ध्यानपूर्वक
चिकना
आहट
चिकनाहट
विशेष
तया
विशेषतया
चमक
ईला
चमकीला
भारत
ईय
भारतीय
• भाषा की बात 7. “पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सो पग धोए” ऊपर लिखी गई पंक्ति को ध्यान से पढ़िए। इसमें बात को बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चित्रित किया गया है। जब किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है तो वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। आप भी कविता में से एक अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण छाँटिए। उत्तर:-”कै वह टूटी-सी छानी हती, कहँ कंचन के अब धाम सुहावत।”- यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है। ‘टूटी -सी झोपड़ी के स्थान पर अचानक कंचन के महल का होना’ अतिशयोक्तिहै।
• भाषा की बात
9. उपसर्गोंऔर प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग‘ और ‘प्रत्यय‘ इस प्रकार हैं – अभि, प्र, अनु, परि, वि(उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना। उत्तर:-
13. इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे। उत्तर:-1. अब तक बिलवासी जी को वे अपनी आँखों से खा चुके होते। 2. कुछ ऐसी गढ़न उस लोटे की थी कि उसका बाप डमरू, माँ चिलम रही हो। 3. ढ़ाई सौ रूपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते हैं।
14. इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए। उत्तर:-1. चैन की नींद सोना – (निश्चिंत सोना) वाक्य- कुख्यात चोर के पकड़े जाने पर पुलिस चैन की नींद सोई। 2. आँखों से खा जाना – (क्रोधित होना) वाक्य- परीक्षा में कम अंक आने पर माँ ने पुत्र को ऐसे देखा मानो आँखों से ही खा जाएगी। 3. आँख सेंकने के लिए भी न मिलना – (दुर्लभ होना) वाक्य- हस्तकला से बनी वस्तुएँ तो आजकल आँख सेंकने के लिए भी नहीं मिलती हैं। 4. मारा-मारा फिरना – (ठोकरें खाना) वाक्य- बेटे आलीशान घर में रहते है और बाप बेचारा मारा-मारा फिरता हैं। 5. डींगे सुनना – (झूठ-मूठ की तारीफ सुनना) वाक्य- लाला जी घर में तो भीगी बिल्ली है परंतु बाहर अपनी बहादुरी की डींगें मारते फ़िरते हैं।
• भाषा की बात 8. श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुराकर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुराने वाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दीजिए। उत्तर:-माखन चुरानेवाला – माखनचोर
9. श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए। उत्तर:-श्रीकृष्ण के पर्यायवाची शब्द – गोविन्द, रणछोड़, वासुदेव, मुरलीधर, नन्दलाल
10. कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थ वाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे –
लम्बी – छोटी स्याम – श्वेत संग्रह – विग्रह मोटी- पतली रात – दिन प्रकट – ओझल
• भाषा की बात 8. किसी भी क्रिया को पूरी करने में जो भी संज्ञा आदि शब्द संलग्न होते हैं, वे अपनी अलग-अलग भूमिकाओं के अनुसार अलग-अलग कारकों में वाक्य मेंदिखाई पडते हैं; जैसे – “वह हाथों से शिकार को जकड़ लेती थी।” जकड़ना क्रिया तभी संपन्न हो पाएगी जब कोई व्यक्ति (वह) जकड़नेवाला हो, कोई वस्तु (शिकार) हो जिसे जकड़ा जाए। इन भूमिकाओं की प्रकृति अलग-अलग है। व्याकरण में ये भूमिकाएँ कारकों के अलग-अलग भेदों; जैसे – कर्ता, कर्म, करण आदि से स्पष्ट होती हैं। अपनी पाठ्य पुस्तक से इस प्रकार के पाँच और उदाहरण खोजकर लिखिए और उन्हें भलीभाँति परिभाषित कीजिए। उत्तर – 1 . मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर की झाड़ी पर से मोती- सी बूँद मेरे हाथ पर आ गिरी ।
बेर की – सबंध कारक
2. हम बड़ी तेजी से बाहर फेंक दिए गए। तेज़ी से – अपादान कारक 3. मैं प्रति क्षण उसमें से निकल भागने की चेष्टा में लगी रहती थी। मैं – कर्ता 4. वह चाकू से फल काटकर खाता है। चाकू से – करण कारक 5. बदलू लाख से चूड़ियाँ बनाता है। लाख से – करण कारक
• भाषा की बात 8. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए। उत्तर:-1. भाँप लेना – बच्चों का मुँह देखकर माता जी ने यह भाँप लिया कि परीक्षा का क्या नतीजा आया होगा। 2. हिम्मत बाँधना – अपने मित्र के आने पर ही राहुल की हिम्मत बँधी कि अब सब ठीक हो जाएगा । 3. अंतिम साँस गिनना – दादाजी की बुरी हालत देखकर माता जी ने स्थिति भाँप ली कि वे उनकी अंतिम साँस गिन रहे हैं। 4. मन में आशा जागना – शिक्षिका की कहानी ने मेरे मन में आशा जगा दी। 5. प्राण हथेली पर रखना – सिपाही देशवासियों की जान बचाने के लिए अपने प्राणों को हथेली पर रख लेते हैं।
9. ‘आरामदेह‘ शब्द में ‘देह‘ प्रत्यय है। यहाँ ‘देह‘ ‘देनेवाला‘ के अर्थ में प्रयुक्त है। देने वाला के अर्थ में ‘द‘, ‘प्रद‘, ‘दाता‘, ‘दाई‘ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे – सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए। उत्तर:-प्रत्यय शब्द द – सुखद, दुखद दाता – परामर्शदाता, सुखदाता दाई – सुखदाई, दुखदाई देह – विश्रामदेह, लाभदेह, आरामदेह प्रद – लाभप्रद, हानिप्रद, शिक्षाप्रद
• भाषा की बात 8. गाँव की बोली में कई शब्दों का उच्चारण अलग होता है। उनकी वर्तनी भी बदल जाती है। जैसे गवरइया गौरैया का ग्रामीण उच्चारण है। उच्चारण केअनुसार इस शब्द की वर्तनी लिखी गई है। फुँदना, फुलगेंदा का बदला हुआ रूप है। कहानी में अनेक शब्द हैं जो ग्रामीण उच्चारण में लिखे गए हैं, जैसे – मुलुक-मुल्क, खमा-क्षमा, मजूरी-मजदूरी, मल्लार-मलार इत्यादि। आप क्षेत्रीय या गाँव की बोली में उपयोग होने वाले कुछ ऐसे शब्दों को खोजिए और उनका मूल रूप लिखिए, जैसे – टेम-टाइम, टेसन/टिसन-स्टेशन। उत्तर:-
क्षेत्रीय भाषा
मूल रूप
घइला
घड़ा
दुपहर
दोपहर
भीख
भिक्षा
तरकारी
सब्जी
भात
चावल
9. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरश: अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे – कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए। उत्तर:-