Monday, August 22, 2022

भारत की खोज (संपूर्ण प्रश्नोत्तर) Bharat Ki Khoj All Q/A

 

भारत की खोज BHARAT KI KHOJ #KVS #NVS #NCERT #CBSE संपूर्ण प्रश्नोत्तर

लेखक-पंडित जवाहर लाल नेहरू

अहमदनगर का किला कक्षा-8वीं #CBSE #NCERT #KVS #NVS

पुस्तक-भारत की खोज लेखक-पंडित जवाहर लाल नेहरू

प्रश्न-1 नेहरू जी अपनी कलम से किसके इतिहास पर प्रकाश डालना चाहते थेअहमदनगर का किला के पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- नेहरू जी अपनी कलम से भारत के इतिहास पर प्रकाश डालना चाहते  थे।

प्रश्न-2 किसने अकबर की शाही सेना के विरुद्ध हाथ में तलवार उठाकर सेना का नेतृत्व किया थाअहमदनगर का किला पाठ  के आधार पर बताए।

उत्तर- चाँद बीबी नामक एक सुंदर महिला अकबर की शाही सेना के विरुद्ध तलवार अपनी सेना का नेतृत्व किया था।

प्रश्न-3 चाँद बीबी की हत्या किसने कीअहमदनगर का किला पाठ के आधार पर बताएँ।

उत्तर- चाँद बीबी की हत्या उसी के अपने एक आदमी ने की।

प्रश्न-4 नेहरू जी आज़ाद हुए बिना इतिहास-लेखन में असमर्थ क्यों थे?

उत्तर- आज़ाद हुए बिना नेहरू जी वर्तमान को अपने अनुभव का हिस्सा नहीं बना सकते थे और न वर्तमान के बारे में लिख सकते थे। वे पैगंबर बनकर भविष्य के बारे में भी नहीं लिख सकते थे।

प्रश्न-5 भारतीयों ने स्वयं सक्षम होते हुए भी अनुकरण पद्धति क्यों अपनाई? (अहमदनगर का किला)

उत्तर- भारतीयों में सक्षमता होते हुए भी नवीन करने की चाह और परिश्रम कम हो गया था। यही कारण था कि उन्होंने दूसरे देशों का अंधा अनुकरण करना शुरू कर दिया।

प्रश्न-6 नेहरू जी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठाई? (अहमदनगर का किला)

उत्तर- उन्होंने जेल में खुदाई के दौरान जमीन में से प्राचीन दीवारों के अवशेष एवं कुछ गुंबदों और इमारतों के ऊपरी हिस्से के टुकड़े प्राप्त किए। इससे उन्हें अहमदनगर के किले के बारे में कई जानकारियाँ मिल सकती थी लेकिन अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी तो उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम हाथ में पकड़ी अर्थात् बंदी होने के बावजूद, अपनी लेखनी से लेख लिखकर भारत की जनता के दिलों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करवाने का प्रयत्न करते रहे।

प्रश्न-7 अहमदनगर किले के साथ कौन-सी घटना जुड़ी है?

उत्तर- अहमदनगर किले के साथ साहसी चाँद बीवी की घटना जुड़ी है जिसने अकबर की शाही सेना के विरुद्ध हाथ में तलवार उठाकर अपनी सेना का नेतृत्व किया, लेकिन बाद में उसके अपने ही एक आदमी ने उसकी हत्या कर दी।

प्रश्न-8 नेहरू जी ने अनपढ़ और ग्रामीण लोगों में ऐसा क्या देखा कि वे हैरान रह गए और नेहरू को उन लोगों में क्या संभावनाएँ नजर आईंअहमदनगर का किला पाठ के आधार पर बताइए?

उत्तर- नेहरू जी उन देहाती और अनपढ़ लोगों को देखकर इसलिए हैरान रह गए क्योंकि ग्रामीणों के अनपढ़ होते हुए भी इन लोगों को लोक प्रचलित अनुवादों और टीकाओं के माध्यम से ‘रामायण’ तथा ‘महाभारत’ जैसे ग्रंथों का ज्ञान था। इन ग्रंथों की कथाओं तथा घटनाओं का नैतिक अर्थ भी इन ग्रामीणों को भली-भाँति ज्ञात था। इन ग्रंथों के सैंकड़ों ऐसे पद ज्ञात थे, जिनका प्रयोग वे रोजमर्रा की बातचीत के बीच उदाहरण के रूप में करते थे। उन्हें नैतिक उपदेश देने वाली कहानियाँ याद थीं।  वे नैतिक उपदेश भी देते थे। नेहरू जी को ग्रामीणों में यह संभावना नजर आई कि इन ग्रामीणों में उत्साह और साहस की कमी नहीं है। इनको साथ लेकर कुछ भी किया जा सकता है। यदि इन लोगों को अवसर मिले, तो इनकी स्थिति भी अच्छी हो सकती है।

तलाश कक्षा-8वीं #CBSE #NCERT #KVS #NVS

पुस्तक-भारत की खोज लेखक-पंडित जवाहर लाल नेहरू

प्रश्न-1 भारतीय संस्कृति की क्या विशेषता है?

उत्तर- भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है कि प्राचीन व नवीन में सामंजस्य स्थापित कर, पुराने को बनाए रखने व नए विचारों को आत्मसात करने का सामर्थ्य होना।

प्रश्न-2 प्राचीन भारत की क्या विशेषता थीतलाश पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- प्राचीन भारत अपने आप में एक दुनिया थी, एक संस्कृति और सभ्यता थी, जिसने तमाम चीजें को आकार दिया था।

प्रश्न-3 जब रचनात्मक प्रवृति क्षीण होती है तब कौन-सी प्रवृति उसकी जगह ले लेती है?

उत्तर- रचनात्मक प्रवृति की जगह अनुकरण करने की प्रवृति ले लेती है।

प्रश्न-4 नेहरू जी ने भारत की तलाश क्यों करनी चाही?

उत्तर- नेहरू जी को बहुत कुछ ऐसा देखने को मिला जिनमें भारत के वास्तविक मूल्यों की झलक नहीं मिलती थी इसलिए उन्होंने भारत की तलाश करके पुनः भारत के विशेष मूल्यों को जनता के सामने लाना चाहा।

प्रश्न-5 नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को आश्चर्यजनक क्यों कहा हैं ?

उत्तर- नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को आश्चर्यजनक इसलिए कहा है क्योंकि यह सभ्यता एवं संस्कृति पाँच-छह हज़ार या उससे भी अधिक समय तक परिवर्तनशील रहकर भी विकासशील रही और यह निरंतर कायम रही।

प्रश्न-6 नेहरू जी भारत को किस दृष्टि से देखते थे और क्यों ?

उत्तर- नेहरू जी भारत को एक आलोचक की दृष्टि से देखते थे। वे एक ऐसे आलोचक थे जो वर्तमान को देखते थे पर अतीत के बहुत-से अवशेषों को नापसंद करते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे जिससे वे अतीत के सकारा त्मक  एवं नकारात्मक दोनों पक्षों का अवलोकन कर सकें।

प्रश्न-7 उस समय भारत में जनजीवन की क्या स्थिति थी ?

उत्तर- उस समय भारत में चारों ओर घोर गरीबी व्याप्त थी। ग्रामीणों तथा निम्न-मध्यवर्गीय लोगों की दशा बहुत खराब थी। अंग्रेज़ों के भय एवं दबाव में लोगों को जीना पड़ रहा था। मध्यम वर्ग आधुनिकता को अपनाने की ओर कदम बढ़ा चुका था।

प्रश्न-8 सिंधु घाटी में स्थित मोहनजोदड़ो के एक नगर की क्या विशेषता थी? (अहमदनगर का किला)

उत्तर-सिंधु घाटी में स्थित मोहनजोदड़ो के एक नगर की यह विशेषता थी कि पाँच हजार वर्ष पूर्व निर्मित होने पर भी यहाँ की सभ्यता पूर्णतः विकसित थी और यही आधुनिक सभ्यता का आधार भी। यहाँ की संस्कृति व सभ्यता निरंतर परिवर्तनशील व विकासमान रही। फ़ारस, मित्र, ग्रीस, चीन, अरब, मध्य एशिया एवं भू-मध्य सागर के लोगों से यहाँ के लोगों का निकट संबंध होने पर भी, इस संस्कृति व सभ्यता को कोई हिला नहीं पाया।

सिंधु घाटी सभ्यता कक्षा-8वीं #CBSE #NCERT #KVS #NVS

पुस्तक-भारत की खोज लेखक-पंडित जवाहर लाल नेहरू

प्रश्न-1 कौटिल्य ने अपनी किस रचना से प्रसिद्धि पाई?

उत्तर- कौटिल्य ने अपनी रचना ‘अर्थशास्त्र’ से प्रसिद्धि पाई।

प्रश्न-2 सिंधु घाटी सभ्यता का व्यापारिक स्तर क्या था?

उत्तर-‘सिंधु घाटी सभ्यता’ ने फ़ारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से संबंध स्थापित कर व्यापार किया। यह नागर सभ्यता थी। यहाँ का व्यापारी वर्ग धनाढ्य था।

प्रश्न-3 प्राचीन भारत ने किन-किन क्षेत्रों में प्रगति की? (सिंधु घाटी सभ्यता)

उत्तर- प्राचीन भारत ने ग्रामों के विकास, दस्तकारी उद्योगों, विभिन्न व्यापारों, समुद्री यातायात, विभिन्न लिपियों व लिखित स्वरूपों, औषध व शल्य विज्ञान व शिक्षा के क्षेत्र में अपार प्रगति की।

प्रश्न-4 गीता’ सभी वर्गों और संप्रदाय के लोगों के लिए क्यों मान्य है ?

उत्तर-‘गीता’ में निहित संदेश किसी वर्ग या संप्रदाय विशेष के लिए नहीं हैं। ये संदेश किसी प्रकार की सांप्रदायिकता नहीं फैलातें । इनकी दृष्टि सार्वभौमिक है। इसी सार्वभौमिकता के कारण यह सभी वर्गों एवं संप्रदायों के लिए मान्य है।

प्रश्न-5 उपनिषदों का मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है ?

उत्तर- उपनिषद भारतीय आर्यों की चिंतन क्षमता के बारे में गहराई से ज्ञान कराते हैं । ये ईसा पूर्व 800 के आस-पास की तत्कालीन सामाजिक गतिविधियों की जानकारी भी देते हैं ।

प्रश्न-6 प्राचीन साहित्य खोने को दुर्भाग्य क्यों कहा गया हैयह साहित्य क्यों खोया होगा?

उत्तर- प्राचीन साहित्य के खोने को दुर्भाग्य इसलिए कहा गया है क्योंकि साहित्य के अभाव में तत्कालीन समाज एवं संस्कृति की प्रामाणिक जानकारी नहीं मिल पाती है। यह साहित्य इसलिए खोया होगा क्योंकि उस समय का साहित्य भोज-पत्रों या ताड़-पत्रों पर लिखा जाता था। जिसे सँभालकर रखना आसान न था। उस समय कागज़ पर लिखने का प्रचलन नहीं था।

प्रश्न-7 महाकाव्य युग में शिक्षा की क्या व्यवस्था थी ?

उत्तर- महाकाव्य युग में कस्बों के निकट ही वनों में विद्यालय हुआ करते थे, जिनमें अनेक विषयों का शिक्षण तथा सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता था। यहाँ विद्यार्थियों को शहरी जीवन के आकर्षण से बचाकर नियमित रूप से  ब्रह्मचर्य जीवन बिताने की सीख दी जाती थी।

प्रश्न-8 सिंधु घाटी की सभ्यता के विषय में कौन-सी बातें पता चली हैं?

उत्तर-सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय में ज्ञात हुआ है कि सिन्धु सभ्यता में व्यापारी वर्ग धनाढ्य था, सिन्धु सभ्यता अत्यंत विकसित सभ्यता थी, वह सभ्यता प्रधान रूप से धर्म निरपेक्ष थी तथा सांकृतिक युगों की अग्रदूत थी। सिंधु सभ्यता की खुदाई के समय मिले मकानों को देखकर जान पड़ता है कि ये दो या तीन मंजिला मकान हैं, सिन्धु घाटी की सिन्धु नामक नदी भी अपनी भयंकर बाढ़ों के लिए अत्यंत विख्यात है। यह ‘एक नागर सभ्यता थी तथा अत्यंत विकसित थी।

खोज युगों का दौर कक्षा-8वीं #CBSE #NCERT #KVS #NVS

पुस्तक-भारत की खोज लेखक-पंडित जवाहर लाल नेहरू

  1. जावा क्या होता है?

उत्तर- जावा स्पष्ट रूप से यवद्वीप अर्थात जौ का टापू होता है। यह आज भी एक अन्न का नाम है।

  • युगों का दौर पाठ के अनुसार भारतीय सभ्यता ने अपनी जड़ें कहाँ से कहाँ तक जमाई?

उत्तर- भारतीय सभ्यता ने अपनी जड़ें दक्षिण से पूर्वी एशिया के देशों में जमाई।

  • युगों का दौर पाठ के अनुसार नाटक शैली का ह्रास कब हुआ।

उत्तर- नाटक शैली का ह्रास उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ।

  • युगों का दौर पाठ के अनुसार भारतीय रसायनशास्त्र ने कैसे उन्नति की?

उत्तर- भारतीय रसायनशास्त्र का विकास दूसरे देशों की तुलना में भारत में अधिक हुआ। फौलाद, लोहे व दूसरी धातुओं की भारतीयों को अत्यधिक पहचान थी। फौलाद व लोहे के अत्यधिक अस्त्र शस्त्र बनाए गए व धातुओं को मिलाकर औषध विज्ञान ने भी उन्नति की।

  • भारतीय उपनिवेशों का काल कब से कब तक माना जाता है ?

उत्तर- भारतीय उपनिवेशों का काल ईसा की पहली या दूसरी शताब्दी से शुरू होकर पंद्रहवीं शताब्दी के अंत तक माना जाता है अर्थात यह समय लगभग तेरह सौ साल या इससे कुछ अधिक पहले का है।

  • युगों का दौर पाठ के अनुसार ब्राह्मणवाद या हिंदूवाद से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- विदेशी शासकों के निरंतर प्रभाव से भारतीय ब्राह्मण वर्ग चिंतित हो उठा। धर्म और दर्शन इतिहास और परंपरा रीति-रिवाज व सामाजिक ढाँचा जिसके व्यापक घेरे में उस समय के भारतीय जीवन के सभी पहलू आते थे सभी विदेशियों से प्रभावित थे। लोगों में राष्ट्रीय भावना जगाना ही राष्ट्रीय धर्म था। इसे ही ब्राह्मणवाद या हिंदूवाद का नाम दिया गया।

  • युगों का दौर पाठ के अनुसार भारतीय गणित ने विदेशों में विस्तार कैसे पाया?

उत्तर- आठवीं शताब्दी में खलीफ़ा अल्मसूर के काल के कई विद्वान बगदाद गए। वे अपने साथ खगोलशास्त्र व गणित की पुस्तकें भी लेकर गए। भारतीय गणित की पुस्तकों ने अरबी जगत को प्रभावित किया। वहाँ भारतीय अंक प्रचलित हो गए। धीरे-धीरे अरबी अनुवादों के माध्यम से यह गणितशास्त्र मध्य एशिया से स्पेन तक फैल गया। स्पेन के विश्वविद्यालयों के माध्यम से यूरोपीय देशों तक पहुँचा। 1490 में ब्रिटेन में भी भारतीय गणित के अंकों का प्रयोग किया गया।

  • युगों का दौर पाठ के अनुसार रवींद्रनाथ ठाकुर ने भारत के विषय में क्या लिखा?

उत्तर- रवींद्रनाथ ठाकुर ने लिखा कि मेरे देश को जानने के लिए उस युग की यात्रा करनी होगी जब भारत ने अपनी आत्मा को पहचानकर अपनी भौतिक सीमाओं का अतिक्रमण किया।
अर्थात् उनका यह मानना था कि भारत देश की वास्तविकता को यदि हम परखना चाहते हैं तो हमें उसके उस काल को देखना होगा जब यह अपने-आप में पूर्ण था और इससे बाहर के देशों में अपने उपनिवेश कायम कर व्यापार और धर्म को बढ़ाया।

नयी समस्याएँ कक्षा-8वीं #CBSE #NCERT #KVS #NVS

पुस्तक-भारत की खोज लेखक-पंडित जवाहर लाल नेहरू

  1. महमूद गज़नवी की मृत्यु कब हुई?

उत्तर- महमूद गजनवी की मृत्यु 1030 ई. में हुई।

  • जय सिंह ने किस राज्य का निर्माण करवाया उसकी क्या विशेषता थी?

उत्तर- जय सिंह ने जयपुर राज्य का निर्माण करवाया। इस राज्य की यह विशेषता थी कि इसका निर्माण विदेशी नक्शों के आधार पर किया गया था।

  • विद्वान एडम स्मिथ ने ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए क्या लिखा?

उत्तर- विद्वान एडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक ‘द वैल्थ ऑफ नेशंस’ में लिखा-‘एकमात्र व्यापारियों की कंपनी की सरकार किसी भी देश के लिए सबसे बुरी सरकार है।’

  • मुगल शासनकाल में साहित्य को भी बढ़ावा मिला था ,स्पष्ट कीजिए । 

उत्तर- मुगलकाल में साहित्य को भी खूब बढ़ावा मिला। अनेक हिंदू साहित्यकारों ने दरबारी भाषा में पुस्तकें लिखीं। इसी समय विद्वान मुसलमानों ने संस्कृत की पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद भी किया। हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ लिखा तथा अब्दुल रहीम खानखाना ने अनेक नीति भरे दोहों की रचना की।

  • भारत की अखंडता एवं एकता बनाए रखने के लिए अकबर ने क्या-क्या प्रयास किए ?

उत्तर- भारत की अखंडता एवं एकता बनाए रखने के लिए अकबर ने निम्नलिखित कार्य किए: (i) उसने स्वाभिमानी राजपूत सरदारों को अपनी ओर मिलाया। (ii) उसने अपनी तथा अपने बेटे की शादी राजपूत घराने में की। (iii) उसने विद्वान हिंदुओं को अपने दरबार में विशेष नौरत्नों में स्थान प्रदान किया। (ii) उसने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक नया एवं सर्वमान्य धर्म चलाने का प्रयास किया।

  • बाबर कौन थाउसके व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए ?

उत्तर- बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक था। उसने 1526 ई० में दिल्ली की सल्तनत को जीता।वह आकर्षक व्यक्तित्व वाला एवं कला और साहित्य का शौकीन था। अपने चार साल के शासनकाल में उसने कई युद्ध किए तथा आगरा को अपनी राजधानी बनाया।

  •  हिंदू-मुसलमानों के आपसी समन्वय से भारत की सामाजिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- हिन्दू-मुसलमानों के आपसी समन्वय से दोनों को आदतें, रहन-सहन का ढंग, कलात्मक रुचियाँ एक सी हो गई। व्यापार प्रयोग भी एक से ही हो गए। हिन्दू मुसलमानों को भारत का ही अंग समझने लगे। एक-दूसरे के त्योहारों य जलसों में भी शरीक होते थे। एक ही भाषा बोलते थे क्योंकि इस समय बोलचाल की भाषा में हिंदी व फारसी के शब्द मिले-जुले हो गए थे। दोनों की आर्थिक समस्याएँ भी समान थीं। इतना सब होने पर भी आपसी वैवाहिक सबंध बहुत कम थे। खान-पान भी अलग-अलग तरह से था।

  • शेरशाह ने किसकी नींव डाली तथा शाहबुद्दीन गौरी कौन थानयी समस्याएँ पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- शेरशाह ने मालगुजारी व्यवस्था की नींव डाली। शाहबुद्दीन गौरी एक अफगानी था। इसने महमूद गजनवी के गजनी पर आक्रमण किया और उसे हराकर वहाँ अपना शासन कायम किया। उसने गजनवी साम्राज्य का अंत कर दिया। आरंभ में शाहबुद्दीन गौरी ने लाहौर पर आक्रमण कर उसे अपने अधिकार में ले लिया। इसके बाद उसने दिल्ली पर आक्रमण किया और उसकी सल्तनत को भी हथिया लिया। उसने पृथ्वीराज चौहान को 1192 ई. में पराजित किया। इसके बाद वह स्वयं दिल्ली का शासक बन बैठा। 

अंतिम दौर एक

  1. रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गाँधी के विचारों में क्या समानता थी?

उत्तर- रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गाँधी दोनों ही मानवतावादी विचारधारा पर बल देने वाले थे।

  • अबुल कलाम आज़ाद ने क्या विशेष कार्य किया?

उत्तर- अबुल कलाम आजाद ने मुस्लिम बुद्धिजीवी समुदाय में सनसनी पैदा कर दी और युवा पीढ़ी के दिमाग में राष्ट्रीयता की भावना जगाने हेतु उत्तेजना भरी।

  • सन् 1912 में अबुल कलाम आज़ाद किस पद पर थेउन्होंने कौन-सा समाचार पत्र निकाला? (अंतिम दौर एक)

उत्तर- अबुल कलाम आजाद कांग्रेस के वर्तमान सभापति थे उन्होंने उर्दू में ‘अल-हिलाल’ निकाला जो लोगों में चेतना जागृत करने वाला था।

  • सन् 1857 के गदर के बाद भारत के मुसलमान असमंजस में क्यों थेइसका परिणाम क्या हुआ?

उत्तर- सन् 1857 के विद्रोह के बाद भारत के मुसलमान असमंजस में थे क्योंकि वे यह निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि वे ब्रिटिश सरकार का साथ दें या हिंदुओं का। इसका परिणाम यह हुआ कि एक नए वर्ग का जन्म हुआ ‘बुर्जुआ वर्ग।’

  • शिक्षा के प्रचार को नापसंद करने वाले अंग्रेज़ों को भारत में शिक्षा का प्रचार क्यों करना पड़ा ?

उत्तर- अंग्रेज़ शिक्षा के प्रचार को नापसंद करते थे, फिर भी भारत में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना उनकी विवशता थी। वे भारत में पाश्चात्य संस्कृति तथाआचार-विचार को फैलाना चाहते थे। इसके अलावा उन्हें अपने कार्यों के लिए क्लर्क भी तैयार करने थे।

  • सर सैयद अहमद खाँ कौन थेवे अंग्रेज़ों के प्रति कैसा दृष्टिकोण रखते थे ?

उत्तर- सर सैयद अहमद खाँ उत्साही मुस्लिम सुधारक थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की। वे अंग्रेज़ी शिक्षा और उनकी नीतियों के समर्थक थे। वे मुसलमानों को अंग्रेज़ों का हितैषी सिद्ध करना चाहते थे।

  • रवीन्द्रनाथ ठाकुर के विषय में आप क्या जानते हैंलिखिए। अंतिम दौर-एक पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- रवींद्रनाथ ठाकुर, स्वामी विवेकानन्द के समकालीन थे। वे उस समय के कलाकार तथा श्रेष्ठ लेखक थे। उन्होंने सुधारवादी और स्वदेशी आंदोलन में भाग लिया। जलियाँवाला बाग कांड का विरोध करते हुए, उन्होंने ‘सर’ की उपाधि लौटा दी थी। घोर व्यक्तिवादी होने के बावजूद भी वे रूसी क्रांतियों की उपलब्धियों के प्रशंसक थे। वे सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीयतावादी थे तथा भारत के सबसे बड़े मानवतावादी थे।

  • अंग्रेजों के भारतीयों की चेतना जाग्रत करने का श्रेय क्यों दिया जाता हैअंतिम दौर एक पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- अंग्रेजों को भारतीयों की  चेतना जाग्रत करने का श्रेय इसलिए दिया जाता है क्योंकि उन्हें अपना काम करवाने के लिए कुछ भारतीयों की आवश्यकता थी जिस वे कम वेतन पर अपने काम के लिए पढ़े-लिखे क्लर्क तैयार कर सकें। इसके लिए उन्होंने उन्हें शिक्षित करना बेहतर समझा। इसके अतिरिक्त वे भारतीयों को पूरी तरह से पाश्चात्य संस्कृति में ढालना चाहते थे ताकि वे अंग्रेज़ सरकार के भक्त बने रहे और उन्हें शासन चलने में कोई कठिनाई नहीं आए। यही कारण था कि  शिक्षित होने के पश्चात भी भारतीयों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के विषय में सोचा।

अंतिम दौर दो

  1. मार्शल लॉ क्या थाअंतिम दौर-दो पाठ के आधार पर बताइए |

उत्तर- ‘मार्शल लॉ’ ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया एक ऐसा कानून था, जिसमें किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय बिना पुलिस और न्यायालय की इजाजत के गोली का निशाना बनाया जा सकता था।

  • कांग्रेस किन दो विचारों पर अडिग थी?

उत्तर- कांग्रेस राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र की भावना पर अडिग थी।

  • गाँधी जी का उद्देश्य क्या थाअंतिम दौर-दो पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- गाँधी जी का उद्देश्य था-लोगों को प्रेरित करके उनमे सक्रियता का भाव जाग्रत करना।

  • अंग्रेज़ों की नीति ने सांप्रदायिकता को किस तरह बढ़ावा दियाउसका क्या परिणाम निकला ?

उत्तर- अंग्रेजों ने कांग्रेस की नीति ‘एकता और लोकतंत्र’ का समर्थन नहीं किया। वे एकता या लोकतंत्र की बलि चाहते थे जो कांग्रेस को स्वीकार नहीं था। स्वतंत्रता-प्राप्ति के अंतिम दौर में उन्होंने ऐसी चाल चली कि मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना मुसलमानों के लिए अलग राष्ट्र माँगने लगे। इससे सांप्रदायिकता की भावना को बल मिला। जिसके परिणामस्वरूप भारत दो राष्ट्रों में विभाजित हो गया।

  • भारत छोड़ो‘ प्रस्ताव कब हुआ व इसका परिणाम क्या निकला?

उत्तर- ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव 8 अगस्त सन् 1942 को पारित हुआ। जैसे ही जनता ने प्रदर्शन किया वैसे ही सरकार ने गिरफ्तारियाँ भी प्रारंभ कर दी। इन्हीं गिरफ्तारियों में जवाहर लाल नेहरू व उनके साथियों को अहमदनगर किले में बंद किया गया।

  • मार्शल लॉ क्या था?

उत्तर- मार्शल लॉ ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया एक ऐसा कानून था जिसमें किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय बिना पुलिस व न्यायालय की इजाज़त के गोली का निशाना बनाया जा सकता था।

  • स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए जिन्ना के क्या विचार थेक्या उनके विचार सही थेअंतिम दौर दो पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- जिन्ना ने अपने विचारों से स्वतंत्रता की माँग को नया स्वरूप दे दिया। उनके अनुसार हिन्दू-मुस्लिम धर्म के आधार पर भारत में दो राष्ट्र हैं। उनकी इसी अवधारणा ने भारत और पाकिस्तान के विभाजन को जन्म दिया। इस कारण स्वतंत्रता मिलते ही भारत के दो टुकड़े हो गए। मिस्टर जिन्ना के विचार सही नहीं थे। उनके विचारों ने  केवल पाकिस्तान व भारत की अवधारणा को तो जन्म  दिया  पर  उससे दो राष्ट्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ क्योंकि हिंदू और मुसलमान तो पूरे देश में थे।

  • विश्वयुद्ध की समाप्ति पर क्या हुआअंतिम दौर-दो पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- विश्वयुद्ध के समय अंग्रेजों ने भारतीयों का प्रयोग करने के लिए उनसे बहुत से वायदे किए थे और लोगों को इस बात की आशा थी कि अब देश में राहत और प्रगति होगी, लेकिन युद्ध समाप्त होते ही सरकार ने तो दमन करने वाले कानूनों का निर्माण कर पंजाब में ‘मार्शल लॉ’ घोषित कर दिया, जिससे लोगों की आशा निराशा में परिवर्तित हो गई।

तनाव

  1. भारत छोडो आंदोलन किस वर्ष में आरम्भ हुआ?

उत्तर- भारत छोडो आंदोलन वर्ष 1942 में आरम्भ हुआ।

  • कांग्रेस कमेटी ने किसके सामने अपनी अपील पेश की?

उत्तर- ब्रिटेन तथा संयुक्त राष्ट्र के सामने कांग्रेस ने अपनी अपील पेश की।

  • कांग्रेस के सभापति कौन थेतनाव पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- कांग्रेस के सभापती ‘मौलाना अबुल कलाम’ थे।

  • भारत छोड़ो प्रस्ताव रखने का कारण स्पष्ट कीजिए। तनाव पाठ के आधार प[पर बताइए।

उत्तर- भारत छोड़ो प्रस्ताव रखने का यह कारण था कि भारतीय अंग्रेजों के अत्याचारों से पीड़ित थे। भारतीय जनता में अंग्रेजों के विरुद्ध आक्रोश था। इस प्रस्ताव में जनता से यह अपील की गई थी कि अब अंग्रेजों को भारत छोड़ देना चाहिए। इसमें पुरुषों ने ही नहीं, बल्कि स्त्रियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

  • कांग्रेस-सभापति और गाँधीजी ने प्रस्ताव के बारे में क्या निर्णय लियातनाव पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- उस समय कंग्रेस के सभापति मौलाना अबुल कलाम आजाद थे। उन्होंने और गाँधीजी ने एकमत होकर यह निर्णय लिया कि उनका अगला कदम ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि वायसराय से मुलाकात करना और खास संयुक्त राष्ट्रों के मुख्याधिकारियों से एक सम्मानपूर्ण समझौते के लिए अपील करना है और अब जन-आंदोलन भी होकर ही रहेगा।

  • भारतियों ने अपने आवेदन प्रस्ताव में अंग्रेजों से क्या अपील की थीतनाव पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- यह एक लम्बा और  प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव में अंतरिम सरकार बनाने का आवेदन था, जिसमे भारत के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व  हो सके। इसमें मित्र शक्तियों के सहयोग से भारत की सुरक्षा और अपने सारे हथियारबंद और अहिंसक शक्तियों के साथ बाहरी आक्रमण को रोकने का प्रस्ताव भी था।

  • कांग्रेस कमेटी ने भारत में अंतरिम सरकार बनाने का सुझाव कर दिया और संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटेन से क्या अपील की?

उत्तर- कांग्रेस कमेटी ने 7 और 8 अगस्त, 1942 को बैठक कर भारत छोडो प्रस्ताव पर विचार और बहस की। इसमें स्पष्ट किया गया था कि अब अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश करना होगा। इसी दिन इस प्रस्ताव को पारित करते समय ही इस प्रस्ताव में अंतरिम सरकार बनाने का भी सुझाव दिया गया था। ऐसी अंतरिम सरकार जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। कांग्रेस कमेटी ने भारत एवं संसार के सभी देशों की आजादी के लिए ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र से अपील की तथा गाँधीजी के नेतृत्व में एक अहिंसक जन-आंदोलन शुरू करने की मांग भी की।

  • वर्ष 1942 में आरंभ के महीनों में भारत में तनाव का माहौल क्यों बना हुआ था?

उत्तर- वर्ष 1942 के आरंभ के महीनों में तनाव का माहौल इसलिए बना हुआ था क्योंकि युद्ध का समय नजदीक आता जा रहा था। द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। ऐसे माहौल में भारत के शहरों पर हवाई हमलों की संभावना बढ़ गई थी। इनका परिणाम क्या होगा, क्या भारत और इंग्लैंड के संबंधों में दूरी बढ़ जाएगी, आदि प्रश्न तनाव का वातावरण बना रहे थे।

दो पृष्ठभूमियाँ भारतीय और अंग्रेज़ी

  1. वर्ष 1942 में किसने महत्वपूर्ण कार्य कियादो पृष्ठभूमियाँ भारतीय और अंग्रेज़ी पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- वर्ष 1942 में युवा वर्ग तथा विशेषकर विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण कार्य किया।

  • अकाल के दौरान कलकत्ता की हालत कैसी थीदो पृष्ठभूमियाँ भारतीय और अंग्रेज़ी पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- अकाल के दौरान कलकत्ता की हालत चिंताजनक थी।

  • वर्ष 1942 का विद्रोह असफल क्यों रहा?

उत्तर- वर्ष 1942 का विद्रोह योजनाबद्ध तरीके से अंजाम नहीं दिए जाने के कारण असफल रहा।

  • कलकत्ता में अकाल के समय कैसी स्थिति थी?

उत्तर- अकाल ने कलकत्ता की आम जनता को अधिक प्रभावित किया, सड़कों पर लोगों की लाशें मिली थी और दूसरी ओर अभिजात्य वर्ग था, जिस पर अकाल या लोगों के दुख-दर्द का कोई असर ही न था वह अपनी ही विलासिता में मस्त था।

  • 1943 ई० में भारत को किस भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ाइसका प्रभाव कहाँ-कहाँ तक था?

उत्तर- 1943 ई० में भारत को भीषण अकाल का सामना करना पड़ा था। इस अकाल का प्रभाव बंगाल और पूर्वी तथा दक्षिण भारत की बहुसंख्यक जनता पर पड़ा।

  • वर्ष 1942 में नेताओं की गिरफ्तारी का आम जनता पर किस तरह का प्रभाव पड़ादो पृष्ठभूमियाँ भारतीय और अंग्रेज़ी पाठ के आधार पर बताइए|

उत्तर- वर्ष 1942 में नेताओं की गिरफ्तारी तथा गोली-बारी की बात सुनकर आम जनता भड़क उठी। जनता ने सहज तथा हिंसक प्रदर्शन किए। जनता इतनी उत्तेजित हो गई कि चुप नहीं बैठ सकी तथा तोड़-फोड़ करने से भी नहीं चूकी।

  • अकाल के समय कलकत्ता की स्थिति का अवलोकन करिए। दो पृष्ठभूमियाँ भारतीय और अंग्रेज़ी पाठ के आधार पर बताइए|

उत्तर- अकाल के समय कलकत्ता की आम जनता अधिक प्रभावित हुई, सड़कों पर चारों ओर लोगों की लाशें बिछ गईं तथा दूसरी तरफ अभिजात्य वर्ग था, जिसके सामाजिक जीवन पर कोई परिवर्तन नहीं आया था। उस पर न तो अकाल का कोई प्रभाव हुआ और न ही लोगों के दुःख-दर्द का कोई असर था। यह वर्ग अपनी ही विलासिता तें मग्न था। उसका जीवन उल्लास से भरा था।

  • नेहरू जी ने अपने लेखन भारत की खोज‘ में किन-किन विचारों को स्थान देकरभारतीयों को कैसे प्रेरित किया है?

उत्तर- नेहरू जी ने भारत की खोज’ लेखन में निम्न विचारों को स्थान देकर भारतीयों को प्रेरित करने का प्रयास किया है।

  1. भारत एक भौगोलिक व आर्थिक सत्ता है, उसकी विभिन्नता में सांस्कृतिक एकता है।
    1. भारत पर विदेशी जातियों के कितने ही आक्रमण हुए लेकिन उसकी आत्मा अर्थात् अस्तित्व को कोई जीत न सका, भले ही शासन सत्ता बदलती रही।
    1. भारत का अतीत सदा भारतीयों के साथ जुड़ा रहेगा।
    1. यदि हम विदेशों के साथ मिलकर नहीं चलेंगे तो पिछड़ापन हमें घेर लेगा।
    1. अंतरराष्ट्रीयतावाद की ओर कदम बढ़ाने होंगे।
    1. वर्तमान में सच्ची स्वतंत्रता, समानता और सच्ची अंतरराष्ट्रीयता ही उन्नति का आधार है।
    1. हमें अपने देश, देशवासियों, संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए।
    1. अपनी कमजोरियों व असफलताओं को न भुलाकर उनमें सुधार लाने का प्रयत्न करना चाहिए।
    1. दुनिया की रफ़्तार के साथ चलते हुए दूसरी संस्कृतियों के साथ मेलजोल करके आगे बढ़ना चाहिए।
    1. सामूहिक कार्यों में सबका सहयोग देना भारतीयों का धर्म हो।
    1. दूसरों की कृपा और सहारे का प्रार्थी भारतीयों को नहीं बनना।
    1. भारतीयों को सच्चे भारतीय और एशियाई बन अंतरराष्ट्रीयता को अपनाते हुए विश्व नागरिक बनना है अर्थात् विश्व में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करना है।

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